जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वह कहाँ है

जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वह कहाँ है

Serena R Karmakar, VIII B (2018 – 19)

धरती क्यों है अशांत?
कहाँ गया मानव का प्यार —
जहाँ भी देखो आग की लपटें
है नज़र आती ,
क्या कोई नहीं जो इस
जलती हुई धरती को करे शांत ?
हमारे पूर्वजों ने क्या किया कोई अन्य ?
जिन्होंने समाज के उद्धार के लिए
तन, मन, धन, प्राण दिए
नारी समाज पाँव तले
रौंदते देखकर जिनके दिल रोये ,
उनके उद्धार के लिए माँगते रहे न्याय।
पर हाय रई री किस्मत —
क्या मानव की आँख का पानी मर चुका ?
नहीं है किसी भी इनसान में
अपने दुष्कर्मोँ का मलाल
बदले की भावना में सदा बेहाल।
खो चुका है भले बुरे का ज्ञान।
ऐसे में कोई तो आए
जो करे इनको शांत।
समाज के बुरे रिवाज़ों को तोड़कर।
कर इनका उद्धार ।।

मेरा भाई

Shivangi Dasgupta, IV B (2018 - 19)

रात्रि महिमा

Sanjeevani Sen X B (2018 - 19)

तितली

Aarvi Arya, III F (2018 - 19)

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